Ticker

6/recent/ticker-posts

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर 100+ अनमोल विचार, अमृत वचन – RSS Quotes in Hindi

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर महान विचारकों, नेताओं और स्वयंसेवकों द्वारा कहे गए 100+ अनमोल विचार और अमृत वचन। पढ़ें प्रेरणादायक RSS Quotes in Hindi

Jay Shri Ram


RSS Quotes & Thoughts in Hindi – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) केवल एक संगठन नहीं बल्कि एक विचार है जो राष्ट्रभक्ति, सेवा, अनुशासन और संस्कारों को जीवन का मूल मंत्र मानता है। संघ के मार्गदर्शक विचार और अनमोल वचन हर स्वयंसेवक को प्रेरणा देते हैं। यहां हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं 50+ RSS Quotes in Hindi – जो जीवन, राष्ट्र और समाज को दिशा दिखाते हैं।



RSS के बारे में प्रमुख हस्तियों के समर्थन व विचार

विट्ठलभाई पटेल, केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष, 1928 की विजयादशमी पर मोहिते वाड़ा में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में आए और स्वयंसेवकों को संबोधित किया। #RSS100Years

यहाँ (मोहिते वाड़ा शाखा, 1928) मेरे सामने पुरुषार्थ से परिपूर्ण पुरुष दिखाई दे रहे हैं, जिनके मजबूत हाथ भविष्य में हमारी पवित्र मातृभूमि का निर्माण करने में सक्षम होंगे। ऐसा दृश्य मैंने केवल यहीं देखा है, कहीं और नहीं।” – विट्ठलभाई पटेल #RSS100Years

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ युवा पुरुषों के शरीर को सुदृढ़ बनाने और उनमें अनुशासन की भावना जगाने का उपयोगी कार्य कर रहा है। कांग्रेस और संघ के उद्देश्यों में बहुत अधिक अंतर नहीं है। कांग्रेस हिंदुस्तानी राज स्थापित करना चाहती है जबकि संघ एकता और प्रगति चाहता है।” – चौधरी लहरी सिंह, कांग्रेस नेता #RSS100Years

“ मैंने आरएसएस के युवाओं के उत्साह की सराहना की, लेकिन उस उत्साह को रचनात्मक दिशा में ले जाना चाहिए। भारत को सैन्य दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए बहुत कार्य करना आवश्यक है।” – सरदार वल्लभभाई पटेल, जयपुर (18 दिसम्बर 1947) #RSS100Years

आरएसएस पर मुसलमानों के प्रति हिंसा और घृणा फैलाने के जो आरोप लगाए जाते हैं, वे पूरी तरह झूठे हैं। मुसलमानों को आरएसएस से परस्पर प्रेम, सहयोग और संगठन का पाठ सीखना चाहिए।” – डॉ. जाकिर हुसैन (मिलाद महफ़िल, मुंगेर – 20 नवम्बर 1949) #RSS100Years

चीनी आक्रमण ने देश को उसकी महान एकता का बोध कराया है, लेकिन यह एकता युद्ध हो या शांति – हर परिस्थिति में बनाए रखनी चाहिए। यही वह एकता है जिसे संघ के संस्थापक बनाना चाहते थे।” – डॉ. के.एन. काटजू (इलाहाबाद, 1963) #RSS100Years

मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि आरएसएस ही एकमात्र सांस्कृतिक संगठन है जो हिंदू समाज को उसकी वर्तमान दयनीय स्थिति से उठाकर गौरव के शिखर तक पहुँचा सकता है। सत्य की सदा विजय होती है।” – पंडित ओंकारनाथ ठाकुर (विजयादशमी उत्सव, सूरत) #RSS100Years

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वयं स्वतंत्रता के क्रांतिकारी राष्ट्रीय आंदोलन की उपज है।” – जयचंद्र विद्यालंकार (स्वतंत्रता सेनानी; इतिहासकार; लेखक) #RSS100Years

मैं आरएसएस को अपनी हार्दिक और सच्ची शुभकामनाएँ देता हूँ क्योंकि यह महान कार्य कर रहा है – चरित्रवान और देशभक्त पुरुषों का संगठन तैयार करने का कार्य।” – बिजॉय कुमार बनर्जी (कांग्रेस नेता) #RSS100Years

आर.एस. रुइकर (हिंद मज़दूर सभा के अध्यक्ष) ने आरएसएस स्वयंसेवकों से जीवन में आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण विकसित करने की अपील की, ताकि देश की समस्याओं को समझकर उनका समाधान कर सकें। #RSS100Years

आरएसएस को राजनीतिक भारत के परस्पर लड़ने वाले तत्वों को संगठित और ऊर्जावान राष्ट्र में बदलना है, जो विश्व की राष्ट्रों में अपने भाग्य के प्रति सचेत हो।” – अच्युत पटवर्धन (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता) #RSS100Years

 आज देश विचारधाराओं का रणक्षेत्र है, हर विचारधारा प्रभुत्व के लिए संघर्षरत है। ऐसे में देश और संस्कृति को सर्वोपरि मानने वाले देशभक्त पुरुषों के रूप में आरएसएस स्वयंसेवकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।” – अच्युत पटवर्धन #RSS100Years

संघ चरित्र निर्माण करता है और उत्तम प्रवृत्तियों को प्रोत्साहित करता है। हमें इन सब उत्तम प्रवृत्तियों को अपने दैनिक जीवन में प्रकट करना चाहिए।” – जयप्रकाश नारायण #RSS100Years

आरएसएस ने अपने राष्ट्र का पुनर्निर्माण हमारी संस्कृति और परंपराओं के आधार पर करने का संकल्प लिया।” – जयप्रकाश नारायण #RSS100Years

मैं हमेशा संघ को समझने की कोशिश करता रहा हूँ। आपका आचरण, व्यवहार और अनुशासन किसी को भी आकर्षित कर सकता है और उसके हृदय में आपके लिए कोमल भाव उत्पन्न कर सकता है।” – डॉ. ईश्वर प्रसाद (इतिहासकार) #RSS100Years

मैं आश्वस्त हूँ कि आपका (आरएसएस का) संगठन आज हमारे देश की आवश्यकता है। सभी शिक्षित व्यक्तियों को पूरे मन से आपका समर्थन करना चाहिए।” – डॉ. ईश्वर प्रसाद (इतिहासकार) #RSS100Years



राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर अनमोल विचार (RSS Quotes in Hindi)

डॉ. हेडगेवार के विचार

1.“हमारा जीवन राष्ट्र के लिए है, व्यक्तिगत सुख-दुख उसके सामने तुच्छ हैं।”

2.“सच्चा स्वयंसेवक वही है, जो अपने स्वार्थ को त्यागकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखे।”

3.“संघ कार्य कोई नौकरी नहीं, यह राष्ट्रभक्ति की साधना है।”

4.“अगर भारत महान बनना चाहता है, तो उसे अपनी संस्कृति को अपनाना होगा।”

5.“देशभक्ति केवल भावना नहीं, यह जीवन जीने का तरीका है।”

माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के विचार

6.“हिंदू संस्कृति ही भारत की आत्मा है।”

7.“संघ का कार्य किसी के विरोध में नहीं, अपितु राष्ट्रनिर्माण के लिए है।”

8.“राष्ट्र की शक्ति, समाज की एकता में है।”

9.“अगर हमें विश्व का नेतृत्व करना है, तो पहले आत्मनिर्माण करना होगा।”

10.“संघ राष्ट्रभावना का ज्वलंत दीपक है।”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामान्य विचार

11.“सेवा ही संगठन का प्राण है।”

12.“शक्ति का संचय तभी होगा जब अनुशासन और संगठन होगा।”

13.“देश के लिए जीना ही सच्चा धर्म है।”

14.“संघ स्वयंसेवक का जीवन त्याग और तपस्या का प्रतीक है।”

15.“संस्कृति से ही राष्ट्र की पहचान होती है।”

16.“एकात्मता ही भारतीयता का आधार है।”

17.“संघ का मंत्र है – स्वयं बदलो, समाज बदलेगा।”

18.“निष्काम सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य है।”

19.“हमारी शक्ति समाज की एकजुटता में है।”

20.“समाज जागरण से ही राष्ट्र सशक्त बनेगा।”



अन्य प्रेरणादायक संघ विचार

21.“संघ केवल संगठन नहीं, यह जीवन का विद्यालय है।”

22.“हर स्वयंसेवक का कर्तव्य है कि वह राष्ट्र को पहले रखे।”

23.“अनुशासन और सेवा से ही राष्ट्र महान बनता है।”

24.“संघ के कार्य में राजनीति नहीं, केवल राष्ट्रनीति है।”

25.“भारत माता की सेवा ही सर्वोच्च साधना है।”

26.“संघ जीवन को समाजोपयोगी बनाने का माध्यम है।”

27.“एक स्वयंसेवक का आचरण ही उसकी पहचान है।”

28.“संघ परिवार नहीं, सम्पूर्ण समाज है।”

29.“राष्ट्र के लिए जीना और मरना ही संघ का जीवन मंत्र है।”

30.“समर्पण ही संघ के कार्य की असली पहचान है।”

संघ के अमृत वचन – 50+ RSS Quotes in Hindi
31,“संघ का काम मंदिर की तरह पवित्र है।”
32.“जब राष्ट्र संकट में हो, तो स्वयंसेवक ही उसकी ढाल बनता है।”
33.“संघ विचारधारा नहीं, संस्कृति है।”
34.“भारत माता की जय केवल नारा नहीं, यह जीवन की प्रेरणा है।”
35.“संघ राष्ट्र का नैतिक मार्गदर्शक है।”
36.“हर घर में संस्कार, हर दिल में भारत।”
37.“संघ परिवार हर स्वयंसेवक की आत्मा है।”
38.“त्याग और सेवा ही संघ का जीवन मंत्र है।”
39.“संगठन शक्ति ही राष्ट्र की रीढ़ है।”
40.“संघ केवल विचार नहीं, जीवन का व्यवहार है।”
41.“संघ भारत की आत्मा को जीवित रखने वाला दीपक है।”
42.“संघ कार्य व्यक्ति निर्माण से समाज निर्माण की यात्रा है।”
43,“संघ का प्रत्येक स्वयंसेवक समाज का प्रहरी है।”
44.“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – संगठन, अनुशासन और संस्कार का पर्याय।”
45.“संघ राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानने वाला विद्यालय है।”
46.“संघ कार्य कोई आंदोलन नहीं, यह राष्ट्र निर्माण की सतत साधना है।”
47.“हर स्वयंसेवक समाज का आदर्श नागरिक है।”
48.“संघ की शाखा अनुशासन और संस्कृति की प्रयोगशाला है।”
49.“संघ कार्य सेवा और संस्कारों का संगम है।”
50.“संघ जीवन को राष्ट्रहित से जोड़ने का माध्यम है।”
51.“संघ सेवा का यज्ञ है, जिसमें हर स्वयंसेवक आहुति देता है।”
52.“संघ का हर कदम समाज कल्याण की ओर है।”
53.“संघ विचार जीवन में प्रकाश की किरण है।”
54.“संघ – संगठन का पर्याय, सेवा का आधार।”
55.“संघ राष्ट्र प्रेम की जीती-जागती मिसाल है।”




डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के अमृत वचन
 हमें स्वयं को भाग्यशाली समझना चाहिए कि हम वर्तमान संकटपूर्ण घड़ी में जन्मे हैं। विपरीत परिस्थितियों में हमें अपने अंदर के सर्वोत्तम को प्रकट करने, अपने पौरुष की परीक्षा करने और विश्व के समक्ष भव्यतापूर्ण प्रचंड व्यक्तित्व के रूप में खड़े होने का अवसर मिलता है।

समरसता के बिना समता स्थायी नही हो सकती और दोनों के अभाव में राष्ट्रीयता की कल्पना भी नही की जा सकती। – डा. हेडगेवार

मेरी इच्छा से संघ नही चलेगा, संघ की इच्छानुसार मैं चलूंगा।

शक्ति केवल सेना या शस्त्रों में नहीं होती, बल्कि सेना का निर्माण जिस समाज से होता है, वह समाज जितना राष्ट्रप्रेमी, नीतिमान और चरित्रवान संपन्न होगा, उतनी मात्रा में वह शक्तिमान होगा।

अपने हिंदू समाज को बलशाली
और संगठित करने के लिए ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जन्म लिया है.



Post a Comment

0 Comments